The Ultimate Guide To Shodashi
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ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौः: ॐ ह्रीं श्रीं क ए ऐ ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं सौः: ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं
सर्वाशा-परि-पूरके परि-लसद्-देव्या पुरेश्या युतं
The reverence for Goddess Tripura Sundari is apparent in just how her mythology intertwines With all the spiritual and social fabric, featuring profound insights into the nature of existence and the path to enlightenment.
यदक्षरैकमात्रेऽपि संसिद्धे स्पर्द्धते नरः ।
Right after eleven rosaries on the very first working day of commencing Using the Mantra, you may bring down the chanting to 1 rosary each day and chant 11 rosaries within the 11th day, on the final day of your respective chanting.
यत्र श्री-पुर-वासिनी विजयते श्री-सर्व-सौभाग्यदे
सर्वज्ञादिभिरिनदु-कान्ति-धवला कालाभिरारक्षिते
तरुणेन्दुनिभां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥२॥
The iconography serves like a point of interest for meditation and worship, letting devotees to attach Along with the divine Strength in the Goddess.
लब्ध-प्रोज्ज्वल-यौवनाभिरभितोऽनङ्ग-प्रसूनादिभिः
Getting the attention of Shodashi, ones views to Other folks turn into much more beneficial, fewer significant. Kinds interactions morph right into a thing of great natural beauty; a point of sweetness. This is actually the that means in the sugarcane bow which she carries usually.
The Mahavidya Shodashi Mantra fosters psychological resilience, aiding devotees approach lifestyle which has a relaxed and constant mind. This reward is effective for anyone suffering from stress, because it nurtures internal peace and the opportunity to maintain emotional stability.
कर्तुं देवि ! जगद्-विलास-विधिना सृष्टेन ते मायया
यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और Shodashi व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।